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प्यार की एक बात

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 ,,,,,,,,,,,,,,,,,,लड़की अपने बॉयफ्रेंड से पूछती है – अच्छा किसी दूसरे लड़के से मेरी शादी हो जाए तो तुम क्या करोगे लड़का – तुम्हें भूल जाऊंगा (लड़के ने बहुत छोटा सा जवाब दिया ) ये सुनकर लड़की गुस्से में दूसरी तरफ घूम कर बैठ गई फिर लड़के ने कहा – सबसे बड़ी बात कि तुम मुझे भूल जाओगी जितना जल्दी मैं तुम्हें भुला सकूंगा उससे ज्यादा जल्दी तुम मुझे भुला दोगी ! कैसे? लड़की ने पूछा लड़के ने बोलना शुरू किया – “सोचो शादी का पहला दिन है तुम एक तरह के घर में हो शरीर पर जेवर चेहरे पर मेक अप चारों तरफ कैमरे का फ्लैश और लोगों की भीड़ जहां तुम मुझे चाह कर भी याद नहीं कर सकती! “और मैं तुम्हारी शादी की खबर सुनकर दोस्तों के साथ कुछ उटपटांग पी कर किसी कोने में पड़ा रहूंगा और फिर जब मुझे होश आएगा तब मैं तुम्हें धोखेबाज बेवफा बोलकर गाली दूंगा ! “ “फिर जब तुम्हारी याद आएगी तो दोस्त के कंधे पे सरकार रख के रो लूंगा ! “ शादी के बाद तुम्हारा बिजी टाइम शुरू फिर तुम अपने पति और हजार तरह के रस्मों को निभाने में बिजी रहोगी. फिर कभी कभी तुम्हें मेरी याद आएगी जब तुम अपने पति का हाथ पकड़ोगी उसके साथ बाइक पर बैठोगी!...

भावनाओं के समुन्द्र को दर्शाती सुशांत की आखिरी फिल्म दिल बेचारा

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सुशांत सिंह राजपूत फिल्म जगत का बहुत ही होनहार और उभरता हुआ सितारे थे. उनका जाना उनके फैंस व तमाम फ़िल्मी जगत में रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक सदमे से भरा था. उनके जाने का हर किसी को बहुत ही ज्यादा गम था क्योकि इतना उम्दा कलाकार सदियों में एक होता हैं. जिस दिन सुशांत की आत्महत्या की खबर आई थी, ये मेरे लिए भी उतनी ही सदमे से भरी थी जितनी की सबके लिए, विश्वास ही नहीं हो रहा था कि छिछोरे फिल्म जिसमें वो अपने बेटे को बता रहे थे कि मरना किसी समस्या का हल नहीं है और उसी शख्स ने ऐसा काम कर लिया। मेरे अंदर सुशांत के लिए बहुत ज्यादा गुस्सा था और है भी क्योकि मैं भी एक इंसान हूँ और हर पहलु के हिसाब से सोचता हूँ. एक मेंटर के तौर पर सुशांत ने आत्महत्या करके अच्छी मिशाल पेश नहीं की क्योकि मेरे जैसे लाखों युवा उनको देख कर जीते हैं. उनकी हेयर स्टाइल से लेकर उनकी हंसी तक कॉपी करते है. सुशांत की एक्टिंग का और उनके स्ट्रगल का बहुत बड़ा फैन हूँ और उनकी हिम्मत न हारने वाली बात का कुछ कर गुजरने की ताकत से बहुत कुछ सिखने को मिला। सुशांत की मौत ने कई सवाल भी खड़े कर दिए शायद जो कि हर चकाचौंध से भरी दुनि...

जनरल करियप्पा आखिर क्यों नहीं मिलता भारत रत्न ?

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जनरल करियप्पा भारत रत्न के लायक नहीं है" ( - कांग्रेस) क्योंकि स्वतन्त्रता के बाद भी अंग्रेज सेनाध्यक्ष के अधीन रहने वाली भारतीय सेना के मुख्यालय द्वारा 6 जुलाई 1948  को  "जम्मू-कश्मीर में कोई बड़ा अभियान नहीं छेड़ने " के स्पष्ट आदेश का उल्लंघन करके उन्होंने कारगिल और लदाख पर भारत का अधिकार कराया था और उसके बाद केन्द्र सरकार की राय के विरुद्ध पाकिस्तानी सेना को श्रीनगर की सीमा से खदेड़कर जब बहुत दूर भेज दिया तो नेहरु ने UNO में मामले को लटकाकर युद्ध-विराम करा दिया, हालाँकि जनरल करियप्पा की राय थी कि पहले पूरे जम्मू-कश्मीर को स्वतन्त्र करा लें। उसके बाद जहाँ जो पंचैती करानी हो कराते रहें | गिलगित में पाकिस्तान का झंडा फहराने का  विचार वहां के लोगों का नहीं था, 2 नवम्बर 1947 को ऐसा करने का आदेश अंग्रेज अफसर मेजर ब्राउन ने दिया था क्योंकि वे जानते थे कि यदि भारत के अधीन गिलगित रहा तो वहां इंग्लैंड या अमरीका अपना फौजी अड्डा नहीं खोल पायेंगे | संसार में अमरीका का सबसे बड़ा फौजी अड्डा आज भी गिलगित में ही है, लेकिन नेहरु की बदनामी न हो इस कारण उसपर अमरीकियों ने पाकि...

किस्सा मुआवजे का , Compensation compensation

चलिए दोस्तों आज बात करते हैं कहानी मुआवजे की सही सुना मुआवजा एक ऐसी चीज जिसे कुछ लोग खुशी-खुशी लेना चाहते हैं तो कुछ मजबूरी में लेना चाहते हैं कुछ को जानबूझकर दिया जाता है , त...

अफगानिस्तान क्रिकेट युद्ध के साए से उभरा देश,Afghanistan emerged from the shadow of the war of Afghanistan

उस देश कहानी जहां आतंकवाद किसी को खड़ा नहीं होने देता, किसी को जीने नहीं देता । वह देश जहां क्रिकेट एक रिफ्यूजी कैंप से शुरू हुआ। तमीम मलिक जिसके पहले कोच थे एक मामूली से रिफ...

बेरोजगारी एक समस्या

बहुत दिनों से समाचार में अखबार और टीवी में देख रहा हूं कि देश में नौकरियों की कमी है, चाय पकौड़ा रोजगार पता नहीं क्या-क्या मज़ाक मीडिया में मोदी जी के भाषण के बाद चला लेकिन कि...

इतवार तुम भी आ जाओ

इतवार तुम भी आ जाओ कैसा-कैसा खाली गुजर जाता है । तुम भी नहीं इतवार बहुत ही बोरिंग सा लगता है तुम भी अब आ जाओ । कैसा कैसा खाली गुजर जाता है सुबह की चाय फीकी सी लगती है । दोपहर बेगा...