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प्यार , मानसिक तनाव और टिंडर

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ये एक ऐसी घटना है जो कि शायद मानसिक तनाव और आज कल के माता पिता द्वारा बच्चों को न समझने की कोशिश ही कहूंगा या यूँ कहूं तो वो समझना ही नहीं चाहते। अब आते है इस घटना पर जिसने सोचने पर मजबूर कर दिया। आखिर ये ऑनलाइन डेटिंग नामक चीज़ क्या है और टिंडर जिसके बारे में मैं सुन सुन कर पक चुका था, उसको यूज़ करने का आख़िरकार मैंने फैसला किया और ऐप को इंस्टॉल करके प्रोफाइल अपडेट करके उसको समझने लगा. शायद मेरे लिए ये एक नया अनुभव था. कुछ दिन बाद मुझे एक मैच मिला। लेकिन मुझे पहला आश्चर्य यह हुआ कि वो एक दसवीं क्लास की स्टूडेंट थी. मैंने सोचा था मैंने सोचा कि वह अपने स्नातक स्तर पर होनी चाहिए, लेकिन जब उसने कहा कि 10वीं, मैं चौंक गया था। मैं आपको बातचीत के बारे में बताता हूं। (ऐप इंस्टॉल किया, बायो पढ़ रहा था, कुछ प्रोफाइल राइट स्वाइप किया) फिर एक मैच मिला। मैंने मैसेज किया। मैं - अरे, thanks कैसे हो? रिया- हाँ, मैं अच्छी हूँ, आप? आपका बायो कूल  है (उत्साह के साथ) मैं - तुम्हारा भी (शांति से) रिया- आप टिंडर पे कब आये? तुम्हें पता है, मैंने एक सप्ताह पहले ही टिंडर इंस्टॉल किया। यहाँ बहुत गड़बड़ है, हर...

प्यार की एक बात

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 ,,,,,,,,,,,,,,,,,,लड़की अपने बॉयफ्रेंड से पूछती है – अच्छा किसी दूसरे लड़के से मेरी शादी हो जाए तो तुम क्या करोगे लड़का – तुम्हें भूल जाऊंगा (लड़के ने बहुत छोटा सा जवाब दिया ) ये सुनकर लड़की गुस्से में दूसरी तरफ घूम कर बैठ गई फिर लड़के ने कहा – सबसे बड़ी बात कि तुम मुझे भूल जाओगी जितना जल्दी मैं तुम्हें भुला सकूंगा उससे ज्यादा जल्दी तुम मुझे भुला दोगी ! कैसे? लड़की ने पूछा लड़के ने बोलना शुरू किया – “सोचो शादी का पहला दिन है तुम एक तरह के घर में हो शरीर पर जेवर चेहरे पर मेक अप चारों तरफ कैमरे का फ्लैश और लोगों की भीड़ जहां तुम मुझे चाह कर भी याद नहीं कर सकती! “और मैं तुम्हारी शादी की खबर सुनकर दोस्तों के साथ कुछ उटपटांग पी कर किसी कोने में पड़ा रहूंगा और फिर जब मुझे होश आएगा तब मैं तुम्हें धोखेबाज बेवफा बोलकर गाली दूंगा ! “ “फिर जब तुम्हारी याद आएगी तो दोस्त के कंधे पे सरकार रख के रो लूंगा ! “ शादी के बाद तुम्हारा बिजी टाइम शुरू फिर तुम अपने पति और हजार तरह के रस्मों को निभाने में बिजी रहोगी. फिर कभी कभी तुम्हें मेरी याद आएगी जब तुम अपने पति का हाथ पकड़ोगी उसके साथ बाइक पर बैठोगी!...

अनजान मुसाफिर

घनी रात हो गई थी परन्तु रमेश चला जा रहा था उसके दिमाग में शायद कुछ ऐसा था जो कि उसको बहुत परेशान कर रहा था , इसी उधेड़बुन में वो सोचते सोचते धीरे धीरे सुनसान सड़क पर आगे बढ़ा जा र...