भावनाओं के समुन्द्र को दर्शाती सुशांत की आखिरी फिल्म दिल बेचारा


सुशांत सिंह राजपूत फिल्म जगत का बहुत ही होनहार और उभरता हुआ सितारे थे. उनका जाना उनके फैंस व तमाम फ़िल्मी जगत में रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक सदमे से भरा था. उनके जाने का हर किसी को बहुत ही ज्यादा गम था क्योकि इतना उम्दा कलाकार सदियों में एक होता हैं. जिस दिन सुशांत की आत्महत्या की खबर आई थी, ये मेरे लिए भी उतनी ही सदमे से भरी थी जितनी की सबके लिए, विश्वास ही नहीं हो रहा था कि छिछोरे फिल्म जिसमें वो अपने बेटे को बता रहे थे कि मरना किसी समस्या का हल नहीं है और उसी शख्स ने ऐसा काम कर लिया।

मेरे अंदर सुशांत के लिए बहुत ज्यादा गुस्सा था और है भी क्योकि मैं भी एक इंसान हूँ और हर पहलु के हिसाब से सोचता हूँ. एक मेंटर के तौर पर सुशांत ने आत्महत्या करके अच्छी मिशाल पेश नहीं की क्योकि मेरे जैसे लाखों युवा उनको देख कर जीते हैं. उनकी हेयर स्टाइल से लेकर उनकी हंसी तक कॉपी करते है. सुशांत की एक्टिंग का और उनके स्ट्रगल का बहुत बड़ा फैन हूँ और उनकी हिम्मत न हारने वाली बात का कुछ कर गुजरने की ताकत से बहुत कुछ सिखने को मिला। सुशांत की मौत ने कई सवाल भी खड़े कर दिए शायद जो कि हर चकाचौंध से भरी दुनिया के लिए है कि जिसका कोई बैकअप नहीं होता क्या वो सफल नहीं हो सकता ?

सुशांत जैसी जिंदगी बहुत ही कम लोगों को मिलती है, मानसिक तनाव काफी बड़ा और जल्दी लोगों को जल्दी समझने वाली बीमारी नहीं हैं और इंसान कैसे इसमें जकड़ता जाता है पता नहीं लगता है, शायद इसलिए भी पता पा रहा हूँ कि अनुभव किया है पर आत्महत्या ही इसका अंतिम विकल्प नहीं हैं. बॉलीवुड से लेकर हर वर्ग को सुशांत के लिए खड़ा होना चाहिए लेकिन शायद ही सुशांत को इंसाफ मिल पायेगा और एक दिन ऐसा आएगा जब सुशांत की फाइल बंद कर दी जाएगी। जरा सोचिये आम आदमी का क्या होता होगा ? आइये अब बात करते है सुशांत की आखिर फिल्म या यूँ कहे कि सुशांत की आखिरी लड़ाई की कहानी। ” दिल बेचारा ” हर किसी को इस फिल्म का बेसब्री से इंतज़ार था और हॉटस्टार ने इसको सुशांत की याद में सबको फ्री में स्ट्रीम करने का मौका दिया। भावुक यादों के साथ फिल्म रिलीज हुई.

सुशांत की मौत से पहले बहुत से भारतीय आर्मी के जवान शहीद हो रहे थे और उसी समय सुशांत की खबर आई और मैंने शहीदों को ऊँचा दर्जा दिया क्योकि उनसे बड़ा कोई हीरो नहीं। लेकिन उस समय मेरे इस कदम से किसी को बुरा लगा तो उसके लिए मैं माफ़ी मांगता हूँ. आइये अब बात करते है सुशांत की आखिर फिल्म या यूँ कहे कि सुशांत की आखिरी लड़ाई की कहानी। ” दिल बेचारा ” हर किसी को इस फिल्म का बेसब्री से इंतज़ार था और हॉटस्टार ने इसको सुशांत की याद में सबको फ्री में स्ट्रीम करने का मौका दिया। भावुक यादों के साथ फिल्म रिलीज हुई.

जैसे हंसते हुए सुशांत रियल लाइफ में थे वैसे ही फिल्म शुरू होती है, छिछोरे अंदाज़ में एंट्री होती हैं इम्मानुअल राजकुमार जूनियर उर्फ मैनी (सुशांत सिंह राजपूत) की. जो कि फिल्म की नायिका जो कि टर्मिनल कैंसर से जूझ रही होती हैं उनके ऊपर अपने ही चुलबुले अंदाज़ में छिछोरपंती करते हुए. अपने फ़िल्मी डायलॉग से किज्जी के दिल में बस जाता है ये चुलबुला इम्मानुअल राजकुमार जूनियर। सके बाद किज्जी को भी जैसे एक जीने की वजह मिल जाती है. लेकिन किज्जी का एक अधूरा सपना है जो उसे पूरा करना है. उसे अपने एक पसंदीदा म्यूजिशियन और राइटर अभिमन्यु वीर (सैफ अली खान) से मिलना है जिसने एक गाना अधूरा छोड़ा है. लेकिन वह पैरिस में रहता है.

सुशांत की एक्टिंग यहां पर ओर ज्यादा निखर के आती हैं और वो अपनी जिद से किज्जी के परिवार को मनाता है और उसे लंदन लेकर जाता है. लेकिन अफसोस कि आफताब के बारे में किज्जी ने जैसा सोचा था वह उसके अपोजिट एकदम बददिमाग निकलता है. एक ऐसा लेखक जो सिर्फ सांसों में जिन्दा है पर असलियत में मर चुका हैं. यहां सैफ की एक्टिंग दमदार है. दोनों उदास लेकिन एक दूसरे के ज्यादा करीब होकर वापस भारत आते हैं, लेकिन यहां से ही आता है कहानी में एक ट्विस्ट. जहां अब तक किज्जी सीरियस हालत में नजर आ रही थी वहीं मैनी की तबियत ज्यादा बिगड़ जाती है. यहां हर सीन काफी इमोशनल होता जाता है.कहानी आगे बढ़कर और भी दुखद हो जाती है जब एक रात अचानक मस्ती करते करते मैनी की हालत काफी बिगड़ जाती है. ये सीन किसी पत्थर दिल इंसान को भी रुला सकता है. किज्जी, मैनी को अस्पताल पहुंचाती है. लेकिन सब को एक अनहोनी का डर लगा रहता है. मरने से पहले अपनी शांति सभा का अभ्यास करवाने वाला सीन काफी भावुक कर देता हैं.
असलियत में सबको रुलाने वाले सुशांत ने एक बार फिर सबको रुला दिया और किज्जी को खुश करते करते खुद मौत को गले लगा लिया।लेकिन मरने के बाद भी वो किज्जी और अपने दोस्त से किया वादा पूरा करने नहीं भूलते और फिल्म पूरी करते
है, जिसको देखकर कोई भी रो पड़ेगा।

दिल छू लेने वाले सुशांत के डायलॉग्स

  1. तुम आज कल के आर्टिस्ट की प्रॉब्लम ही यही है कि काम शुरू तो करते हो पर पूरा नहीं करते
  2. जन्म कब लेना है और कब मरना है ये तो हम डिसाइड नहीं कर सकते, लेकिन कैसे जीना है ये हम डिसाइड करते हैं।’
  3. जब कोई मर जाता है उसके साथ जीने की उम्मीद भी मर जाती है, पर मौत नहीं आती।’
  4. मैं बहुत बड़े-बड़े सपने देखता हूं पर उन्हें पूरा करने का मन नहीं करता।’
  5. प्यार नींद की तरह होता है धीरे-धीरे आता है और फिर आप उसमें खो जाते हैं।’
  6. हीरो बनने के लिए पॉपुलर नहीं होना पड़ता, वो रियल लाइफ में भी होते हैं।’
  7. मैं एक फाइटर हूं और मैं बहुत बढ़िया तरीके से लड़ा।’


सुशांत की मौत से पहले बहुत से भारतीय आर्मी के जवान शहीद हो रहे थे और उसी समय सुशांत की खबर आई और मैंने शहीदों को ऊँचा दर्जा दिया क्योकि उनसे बड़ा कोई हीरो नहीं। लेकिन उस समय मेरे इस कदम से किसी को बुरा लगा तो उसके लिए मैं माफ़ी मांगता हूँ.

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