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Showing posts from June, 2017

क्योंकि बहुत कुछ है , जिसे मैं फूंक देना चाहता हूं

मैं सिगरेट नहीं पीता,लेकिन फिर भी अक्सर लोगों से पूछता हूं,माचिस है क्या?... .....क्योंकि बहुत कुछ है जिसे मैं फूंक देना चाहता हूँ, कुछ ऐसी यादें जो अक्सर मुझे सोने नहीं देती और, कुछ...

अभी जान बाकी है

​अभी तो पूरी उड़ान बाकि हैं  अभी तो मेरी पहचान बाकि हैं  अच्छा लिखूं तो पढ़ते रहना  क्योंकि अभी मेरे विचार बाकि हैं  इस शहर में लगता हैं एक अकेलापन अजीब सा  शायद यहां अमीरों म...

कोशिश कर रहा हूँ

इंसान की खामोशियाँ भी कहती है बहुत कुछ मै इन खामोशियो को समझने की कोशिश कर रहा हूँ किसी की आँखें बात करती है तो कोई इशारों बात करता है मै इनके भावो को समझने की कोशिश कर रहा हूँ...