सचिन तेंडुलकर
तेरे घुंगराले बालो के बीच वो मुस्कुराहट
वो दिलो को मिलना खुशी जब सुने तेरे कदमो की आहट
वो तेरा सेंचुरी के पास आना वो हमारी घबराहट
नही भूलूँगा मैँ जब तक है जान जब तक है जान
वो बलेबाज़ी करने तेरा आना
वो दर्शको का सचिन सचिन चिल्लाना
वो दुनिया के हर गेंदबाज को धूल चटाना
नही भूलूँगा मैँ जब तक है जान जब तक है जान
वो तेरा स्ट्रेट ड्राइव पर सीधा बल्ला आना
वो अंपायर के गलत आउट पे तेरा चुपचाप चले जाना
वो आलोचको को अपने बल्ले से चुप कराना
नही भूलूँगा मैं जब तक है जान जब तक है जान
वो तेरा भारत की शान बढ़ना
वो क्रिकेट का भगवान कह लाना
तेरी विदाई पर आँखों में आंसू आ जाना
याद रखूंगा मैं जब तक है जान जब तक है जान...
नोट:- ये कविता नवभारत टाइम्स से ली गई है । प्रिय खिलाड़ी सचिन रमेश तेंदुलकर को समर्पित ।
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